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राजीव गांधी राष्ट्रीय बौद्धिक सम्पदा प्रबंधन संस्थान
राजीव गांधी राष्ट्रीय बौद्धिक सम्पदा प्रबंधन संस्थान (आर.जी.एन.आई.आई.पी.एम) नागपुर, को केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce & Industry) के अधीन, बौद्धिक संपदा अधिकार(Intellectual Property Rights) से संबंधित क्षेत्रों, में प्रशिक्षण,
प्रबंधन, अनुसंधान एवं शिक्षा के लिए एक उत्कृष्ट राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य एकस्व, डिज़ाइन, व्यापार चिन्ह एवं भौगोलिक संकेत से संबन्धित परीक्षक, आईपी पेशेवर तथा आईपी प्रबंधक के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
का प्रबंध कराना तथा साथ-साथ उपयोगकर्ता समुदाय,सरकारी अहलकार/अधिकारी/ कर्मचारी, जो ‘’बौद्धिक संपदा अधिकारों‘’ के व्यावसायीकरण, प्रबंधन और सृजन क्षेत्र से संबन्धित हैं उन्हें आधारभूत शिक्षा बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त आर.जी.एन.आई.आई.पी.एम
सामान्य जनमानस में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों तथा अनुसंधान संस्थानों में सरकारी बौद्धिक नीति से परिचय कराने का कार्य भी कर रही है। राजीव गांधी राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा प्रबंधन संस्थान, बौद्धिक संपदा से संबंधित, आईपी में अनुसंधान भी करेगा और नीति
व कानून निर्माताओं के लिए वर्तमान प्रासंगिकता के विषय पर अध्ययन रिपोर्ट व नीति विश्लेषण पत्र भी तैयार करेगा। आर.जी.एन.आई.आई.पी.एम द्वारा की जाने वाली गतिविधियों का विवरण निम्नलिखित है।
प्रशिक्षण: प्राप्त होने वाले आवेदनों में बढ़ती जटिलता और उनके परीक्षण की गुणवत्ता में वैश्विक मानकों को पूरा करने व आईपी तकनीकी कर्मियों के प्रशिक्षण की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बेहतर संस्थान स्थापित करने की आवश्यकता अनुभव की गई ताकि आवेदन की जटिलताओं
का सुगमतापूर्वक समाधान वैश्विक स्तर पर किया जा सके। आईपी के नवनियुक्त परीक्षकों को उचित अवधि के लिए पेटेंट खोज के सभी पहलुओं में आरंभिक प्रशिक्षण दिये जाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार, वरिष्ठ परीक्षकों व अन्य उच्च अधिकारियों को भी आईपी के नवीनतम तकनीकों, सूचनाओं
से अवगत होने के साथ-साथ वैश्विक विकास में कदम से कदम मिला कर चलने की आवश्यकता है । इसके अलावा आर.जी.एन.आई.आई.पी.एम वैज्ञानिकों, अनुसंधान एवं विकास संगठनों, सरकारी संस्थानों, वकीलों एवं आईपी प्रबंधकों जैसे आईपी पेशेवरों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित
करता है। उद्योग जगत से संबंधित कर्मियों तथा बौद्धिक संपदा के प्रबंधन से संबंधित प्रबंधक जो अपने संगठन के व्यावसायीकरण में बौद्धिक संपदा का प्रयोग उचित प्रकार से कर सके उनके लिए भी संस्थान प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करता है।
अनुसंधान: आईपीआर अनुसंधान एक उभरता हुआ क्षेत्र है, इसका प्रभाव देश में लोगों पर व्यापक स्तर पर हो रहा है। ‘’बौद्धिक संपदा अधिकार’’ पिछले कुछ वर्षों में भारत में बहुत अधिक मान्यता प्राप्त कर उभरी है। इसका मुख्य कारण वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था तथा देश की आर्थिक
गतिविधियों का विकास की ओर अग्रसरित होना है। साथ ही सरकार भी व्यवसायियों और आम जनता में जागरूकता सृजन के विभिन कार्यक्रमों को लागू करते हुए ‘’बौद्धिक संपदा अधिकार’’ को उचित बुनियादी ढांचे के साथ उचित परिवेश में करने को प्रायसरत है। ‘’बौद्धिक संपदा अधिकार’’
से संबंधित बहुत से कार्यक्रम अनुसंधान या तो व्यक्तिगत प्रयास द्वारा किया जा रहा है या प्रायोजित अनुसंधान हैं, जिसका एक सीमित क्षेत्र है। अकादमिक या अनुसंधान गतिविधियों के लिए बौद्धिकता वाले मानव संसाधनों की आवश्यकता के साथ-साथ वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की
आवश्यकता होती है तभी बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में बहुआयामी एवं परिपक्व गतिविधियां सामने आती हैं । सरकार द्वारा इस फैसले को पहचानते हुए आईपी के क्षेत्र में बौद्धिक संपदा अधिकार संसाधन अलग-अलग मानकों के साथ बहुत सारी गतिविधियां कर रही हैं।
शिक्षा: वर्तमान समय में देश में आईपी शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थान सीमित हैं। इसलिए आर.जी.एन.आई.आई.पी.एम का उद्देश्य बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में उचित तरीके से शिक्षा प्रदान करना है। तदनुसार, यह प्रस्तावित किया गया है कि संस्थान बौद्धिक संपदा कानून में
तीन महीने का डिप्लोमा पाठ्यक्रम, छह महीने और एक वर्ष का स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करेगा। कुछ विश्वविद्यालयों के साथ टाई-अप करने के लिए भी प्रस्ताव दिया गया है ताकि पाठ्यक्रम सामग्री को विकसित किया जा सके और विशेष रूप से मानव संसाधन का प्रभावी उपयोग
किया जा सके। संस्थान का उद्देश्य विशिष्ट प्रकार के उपयोगकर्ताओं के लिए उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप आईपी पाठ्यक्रम बनाना है। इसके अतिरिक्त, आर.जी.एन.आई.आई.पी.एम आईपी कार्यालयों, सरकारी संगठनों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के साथ मिलकर देश में आईपी जागरूकता
/ अभियान का भी आयोजन कर रहा है।
नीति सलाह: ‘‘नीति सलाह’’ बौद्धिक संपदा अनुसंधान तथा बौद्धिक संपदा कानून से संबंधित बहु अनुशासनिक विशेषज्ञों के विचार विमर्श का परिणाम है; जो न केवल सरकार के लिए बल्कि उद्योग जगत, एस.एम. ई. विश्वविद्यालयों आदि के लिए भी आवश्यक है अनुसंधान की तथ्यात्मक सूचना
को जनसंख्या के विभिन्न समूहों के बीच राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय उपशाखा के वर्तमान प्रस्तावित कानून के लघु अवधि के प्रभाव को समझने की आवश्यकता है।
राजीव गांधी राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा प्रबंधन संस्थान
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय,
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग
3, हिसलोप कॉलेज रोड, सिविल लाइंस, नागपुर - 440001
फोन: 0712-2540913,922 / 2542961,979
फैक्स: 0712 - 2540916