अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रत्येक क्षेत्र अपनी विशिष्टता के लिए प्रसिद्धि पाता है। क्रिस्टोफर कोलम्बस ने यूरोप से यात्रा करते हुए नए मार्ग की खोज की ताकि भारतीय मसालों की शानदार सम्पदा पर कब्जा किया जा सके। अंग्रेज प्रजनकों ने अरबी घोड़ों का आयात डर्बी विजेताओं को जन्म देने के लिए
किया। चीन का सिल्क, ढाका मलमल, वेनिस का शीशा, ये सभी वो खजानेहैं जिनके लोग दीवाने हैं। उस क्षेत्र के निपुण लोगों ने प्रकृति और मानवकेसर्वोत्तम गुणों को मिलातेहुए उन सभी की ख्याति सावधानीपूर्वक बनाई थी और कड़ी मेहनतसे उनको बनाए रखा, जिसे सदियोंसे परंपरागत रूपसे
एक पीढ़ी नेदूसरी पीढ़ी कोसौंपा था। धीरे-धीरे, इन वस्तुओं और इनके उत्पादन स्थल के बीच एक विशिष्ट संबंध बनता गया जिसके परिणामस्वरूप भौगोलिक उपदर्शन का विकास हुआ।
दिसम्बर 1999 में, संसद नेमाल के भौगोलिक उपदर्शन (रजिस्ट्रीकरण औरसंरक्षण) अधिनियम, 1999 पारित किया। यह अधिनियम भारत मेंमालसे संबंधित भौगोलिक उपदर्शन केरजिस्ट्रीकरण और बेहतर संरक्षणहेतु प्रावधान करताहै। इस अधिनियम का प्रशासन महानियंत्रक एकस्व, अभिकल्प एवं
व्यापार चिह्न करेंगे जो भौगोलिक उपदर्शन के पंजीकारहैं। भौगोलिक उपदर्शन रजिस्ट्री चेन्नई में स्थित होगी।