बौद्धिक संपदा अधिकार आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अपरिहार्य उपकरण है। नवाचार को बढ़ावा देना भारत सरकार द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों में से एक है। “ एक ऐसा भारत जहां सभी के हित के लिए बौद्धिक सम्पदा रचनात्मकता तथा अभिनवीकरण को प्रोत्साहित करे”
हमारी राष्ट्रीय बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर) नीति का विजन है। नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए उठाए गए कई कदम पहले ही सिद्ध हो चुके हैं जैसे मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया। अटल इनोवेशन मिशन देश भर में विद्यालयों व विश्वविद्यालयों
में अभिनव ऊर्जा का पोषण करता है। आईपीआर नीति के तहत, कार्यालय महानियंत्रक एकस्व, अभिकल्प एवं व्यापार चिह्न के सहयोग से सेल फॉर आईपीआर प्रोमोशन एंड मैनेजमेंट, सीआईपीएएम को आईपी परिसंपत्तियों के सृजन व व्यावसायीकरण को सुविधाजनक बनाने का कार्य सौंपा गया है।
आईपी अधिकारों के लिए फाइलिंग में काफी वृद्धि हुई है और क्षमता निर्माण के मामले में बौद्धिक संपदा कार्यालयों को भी चुस्त किया जा रहा है। और परीक्षकों की पेटेंट में भर्ती की गई है व प्रशिक्षित किया गया है। पेटेंट कार्यालय ने अक्टूबर 2013 से अंतर्राष्ट्रीय
खोज और परीक्षण प्राधिकरण के रूप में कार्य करना प्रारम्भ किया है। यह देख कर प्रोत्साहन मिलता है कि अधिक आवेदक अब अंतर्राष्ट्रीय खोज के लिए आईपीओ का चयन कर रहे हैं। स्टार्ट-अप्स के रूप में पंजीकृत आवेदक और जिन्होंने तदनुरूपी अंतर्राष्ट्रीय आवेदन में भारतीय पेटेंट
कार्यालय का आईएसए अथवा आईपीईए के रूप में चयन किया है, वे शीघ्र परीक्षण की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। हमारे सभी कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, पेटेंट कार्यालय में एक समर्पित गुणवत्ता आश्वासन प्रभाग स्थापित किया गया है।
जनशक्ति वृद्धि और व्यापार प्रक्रिया पुनर्रचना व्यापार चिह्न रजिस्ट्री की कार्यमात्रा में काफी वृद्धि करने में साबित हुआ है। डिजाइनों के त्वरित प्रसंस्करण के लिए इलेक्ट्रॉनिक संचार प्रारम्भ किया गया है। विश्व स्तर पर कई प्रसिद्ध उत्पाद जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक
विरासत का हिस्सा हैं भौगोलिक उपदर्शन के रूप में पंजीकृत हैं। कॉपीराइट कार्यालय को भी कार्यालय महानियंत्रक एकस्व, अभिकल्प एवं व्यापार चिह्न के अधीन लाया गया है।
सभी प्रयासों के साथ, यह आशा है की आईपीओ और भी अधिक ऊँचाइयाँ छूएगा।